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Headlines : अख़बारों की आज की सुर्खियाँ 

सुरखी उप-चुनाव के नतीजे  की खबर को लगभग सभी अखबारों ने पहली सुर्खी बनाकर छापा है। एक-दो  अख़बारों को छोड़कर लगभग बाकी सभी अख़बारों ने इसे पार्टी से ज्यादा प्रत्याशी की जीत के तौर पर प्रस्तुत किया है ।

जहां दैनिक भास्कर ने कहा “सुरखी में चौथी  बार गोविंद राजपूत”, वहीं नवदुनिया ने “गोविंद के सिर फिर सजा सुरखी का ताज,पारूल को मिली मात” शीर्षक से खबर छापी, दैनिक आचरण ने कहा “सुरखी पर गोविंद राजपूत का कब्जा, पारूल को 41 हजार वोटों से हराया”, ईवनिंग मिरर ने गोविंद राजपूत की पिछली हार पर  जोर देते हुए “गोविंद सिंह ने किया 2013 का बदला बराबर” शीर्षक से खबर को छापा। नवभारत ने भी “40 हजार वोटों से जीती भाजपा” शीर्षक से खबर को उठाया। सागर दिनकर ने इस खबर को “जनता ने डबल कर के पहनाया विश्वास का ताज” शीर्षक से उठाया।

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सागर वाॅच (खबर से हटकर)- उप चुनाव के नतीजों की सुर्ख़ियों  में सुरखी की जीत की खबर को नवभारत को छोड़कर किसी और अखबार ने भाजपा की जीत के रूप मे नहीं दिखाया। कमोबेश सभी अखबारों की खबर पढ़कर ऐसा लगता है जैसे सुरखी की जीत गोविंद राजपूत की अकेले की जीत हो और सिर्फ अपनी दम पर उन्होंने इसे हासिल किया है। हालांकि पराजित प्रत्याशी का जिक्र करते समय भी अखबारों ने कांग्रेस पार्टी का भी नाम नहीं लिया। इससे ऐसा लगता है मीडिया की रूचि मुकाबले को जनता के सामने कांग्रेस व भाजपा के मुकाबले से ज्यादा गोविंद और पारूल के सीधी लड़ाई के तौर पर पेश करने की ज्यादा रही। हालाँकि सागर दिनकर ने भी जीत का श्रेय जनता के विश्वास को देते हुए अपनी खबर को उठाया है 

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सुरखी से जुड़ी खबर में जहां दैनिक भास्कर ने विजेता के संकल्प पत्र को प्रकाशित किया है जिसमें क्षेत्र में पानी, शिक्षा व स्वास्थ्य सुविधाओं पर विशेष ध्यान देने की बात कही गई है। वहीं नवदुनिया ने अपनी खबर में  बताया कि मायूस पारूल साहू दोपहर मे ही घर चलीं गईं व मतगणना स्थल से कांग्रेस के बड़े नेता दूरी बनाए रहे। 

नवभारत ने अपनी खबर में मतगणना के धीमी गति से चलते रहने व भाजपा प्रत्याशी के जीत के प्रति आश्वस्त होने के चलते बार-बार मीडिया सेंटर मे आने का अलग से जिक्र किया है। ईवनिंग मिरर ने अपनी खबर में सुरखी की जीत का श्रेय भूपेन्द्र सिंह के प्रबंधन को दिया है।

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वहीं दैनिक आचरण ने अपनी खबर में सुरखी की वर्तमान जीत की आंधी से तुलना करते हुए लिखा है कि “गोविंद की आंधी में उड़े क्षेत्रीय दल व निर्दलीय प्रत्याशी” 13 की जमानत जब्त, 10 प्रत्याशियों को मिले नोटा से भी कम मत और 9 प्रत्याशी नहीं छू पाए 500 का आंकड़ा।

सागर दिनकर की खबर में सुरखी उप-चुनाव से जुड़े चुनावी आंकड़ों के अलावा सुरखी विधान सभा क्षेत्र के चुनावों के अबतक के हार-जीत के आंकड़ों को “जब जीते तो भारी, हारे तो हलके” शीर्षक से अलग से उभार का छापा। इस विषय पर अखबार ने त्वरित टिप्पणी प्रकाशित कर गोविंद सिंह पर “बदले-दिल” को साबित करने की जिम्मेदारी सौपीं है।

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            लीक से हटकर खबर

दैनिक आचरण ने जनता से सरोकार रखने वाली खबर में सदर से गढ़पहरा में राष्ट्रीय राजमार्ग से जोड़ वाली सड़क की  बदहाली का मामला उठाया है। खबर के मुताबिक इस सड़क पर कदम-कदम पर गड्ढे हो गए हैं जिससे दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ गया है।

 दैनिक भास्कर ने दीवाली से जुड़ी से खबर मे दीवाली की सफाई का चलन बदलने का जिक्र किया है। “...अब वास्तु के अनुसार घर सजा रहे लोग, विद्वानों से ले रहे सलाह ” शीर्षक से प्रकाशित खबर में बताया है कि गंदगी भरे स्थानों पर लक्ष्मी का वास नहीं होता है व घरों में टूटे-फूटे समान रहने से धन की हानि होती है।

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