Samwaad-दिव्यांगजनों को आत्मनिर्भर बनाने में विद्यालय एवं समाज महत्वपूर्ण
योगदान है। यह विचार डॉक्टर हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय में विशेष आवश्यकता वाले बच्चों के अभिभावकों के प्रशिक्षण के दौरान अभिभावकों से संवाद करते हुए सागर के डॉ. संजय शर्मा ने व्यक्त किये ।
उन्होंने कहा कि बच्चों की प्रतिभा को पहचानने एवं उसको प्रोत्साहित करने के लिए पर्याप्त समय और अवसर देना आवश्यक है। अभिभावक एवं समुदाय का भावात्मक लगाव बच्चों के आत्मविश्वास को बढाता है. नई शिक्षानीति इस दिशा में सक्रिय भूमिका निभाएगी जहाँ विद्यालय और अभिभावक मिलकर शिक्षायी माहौल को समावेशी बनायेंगे।
प्रशिक्षण समन्वयक डायट सागर के प्राध्यापक डॉ. प्रवीण गौतम ने बताया कि दिव्यांग बच्चों के पालकों के लिए आयोजित दो दिवसीय प्रशिक्षण में दिव्यांगजन अधिनियम-2016 के अंतर्गत समावेशी एवं समग्र शिक्षा, गृह आधारित शिक्षा सहित शासन की प्रमुख योजनाओ के विषय में विस्तार से चर्चा की गई।
जिला शिक्षा केंद्र सागर के आर.के. आसाटी ने समग्र शिक्षा योजना के अंतर्गत संचालित योजनाओ एवं सुविधाओं के बारे में अभिभावकों को अवगत कराया. इस डॉ दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला में सागर संभाग के दिव्यांग बच्चों के अभिभावक सहभागिता कर रहे थे.
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