Drama-Festival-2021- फिल्म अभिनेता राजीव वर्मा के नाटक से शुरू होगा अन्वेषण नाट्य समारोह

Drama-Festival-2021- फिल्म अभिनेता राजीव वर्मा के नाटक से शुरू होगा अन्वेषण नाट्य समारोह

सागर वॉच
 कोरोना संकट के लंबे अंतराल के बाद अंतत: वह समय आ गया जब अन्य क्षेत्रों के साथ कला जगत भी पुन: सक्रिय हो चला है। इसी क्रम में संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार के सहायोग से अन्वेषण नाट्य समूह सागर का पांच दिवसीय नाट्य समारोह २४ नवंबर २०२१ से स्थानीय रवीन्द्र भवन में आरंभ होने जा रहा है।

पत्रकार वार्ता में जगदीश शर्मा ने बताया कि पांच दिनी अन्वेषण नाट्य समारोह -२०२१'' में प्रतिदिन शाम ७ बजे से विभिन्न शहरों के नाट्य निर्देशक व अभिनेता सागर के इस मंच से अपने कला कौशल का प्रदर्शन करेंगे। अन्वेषण नाट्य समारोह २०२१ के प्रथम दिन २४ नवम्बर  को भोपाल के नाट्य दल भोपाल थियेटर द्वारा हास्य नाटक "भाग अवंति भाग" प्रस्तुत किया जायेगा। नाटक का निर्देशन जाने-मा ने रंगकला विशेषज्ञ एवं फिल्म अभिनेता राजीव वर्मा द्वारा किया गया है।

दूसरे दिन २५ नव्बर को जगदीश शर्मा निर्देशित नाटक "तुम कितनी खूबसूरत हो" का मंचन स्वयं आयोजक संस्था अन्वेषण थियेटर ग्रुप द्वारा किया जायेगा। 

तीसरे दिन २६ नव्बर को कटनी के संप्रेषणा नाट्य मंच द्वारा सादात भारती के निर्देशन में नाटक "गांधी ने कहा था" की प्रस्तुति होगी। 

चौथे दिन २७ नव्बर को उज्जैन के अभिनव रंगमण्डल द्वारा "अरे! शरीफ लोग" नामक हास्य नाटक खेला जायेगा। इस नाटक का निर्देशन शरद शर्मा ने किया है। पांचवें यानि अंतिम दिन समागम रंगमण्डल जबलपुर द्वारा स्वाति दुबे के निर्देशन में "अगरबत्ती" नामक नाटक प्रस्तुत किया जायेगा।
 
नाट्य समारोह के दौरान ही २६ नवम्बर को सागर के महान शिक्षाविद् डॉ. सर हरीसिंह गौर की जयंती का अवसर भी है। इसीलिए अन्वेषण थियेटर गु्रप द्वारा श्रद्धांजलि
स्वरूप यह पूरा नाट्य समारोह डॉ. गौर को समर्पित किया गया है।

रंगकला के शास्त्रीय नियमों के अनुसार नाटक के मंचन के पहले पूर्वरंग का भी आयोजन किया जाता है। अन्वेषण ने अपने पिछले नाट्य महोत्सव के अनुसार इस बार भी प्रतिदिन नाटक से पहले रवीन्द्र भवन परिसर में पूर्वरंग के तहत लगभग आधे घण्टे की एक प्रस्तुति की व्यवस्था की है।

आज होगा भाग अवंति भाग 

इस मराठी नाटक के मूल लेखक योगेश सोमण है और इसका हिन्दी रूपांतरण प्रवीण महुवाले ने किया है। महंगाई के दौर मे आम आदमी को अपनी रोजमर्रा की जरूरतें पूरी करने के लिए बड़ी मशक्कत करनी पड़ती  है। ऐसे में यदि किसी गंभीर बीमारी पर जमा पूंजी खर्च हो जाती है, तब कभी-कभी परेशान होकर व्यक्ति ऐसे निर्णय ले लेता है कि स्थितियां हास्यास्पद हो जाती हैं। नाटक "भाग अवंति भाग" भी ऐसी ही स्थितियों की कल्पना पर आधारित है।
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