Sawaal-Achha-Hai-धर्मान्तरण-के-मुद्दे-पर-पहले-चुप-क्यों-रहे-नरयावली-विधायक ?

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सवाल अच्छा है 

Aaj Ka Sawaal-Madhur Tiwari

रयावली विधानसभा क्षेत्र में किसी अशासकीय संस्था पर धर्मांतरण का आरोप लगाते हुए क्षेत्रीय विधायक के नेतृत्व में गुरुवार को एक ज्ञापन सौंपा गया है। इसमें कहा गया है कि धर्मांतरण बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

गौरतलब है  कि 2016 में भी धर्मांतरण और बच्चों की तस्करी का एक मामला विधानसभा तक पहुँचा था। इसके बाद तत्कालीन विधानसभा अध्यक्ष द्वारा मामले की जांच करने के लिए पांच विधायकों की जांच टीम गठित की गई जिसमें नरयावली के विधायक भी शामिल थे। उस समय जांच विधायकों की  इसी टीम को  करनी थी, लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया।

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हालाँकि औपचारिकता के लिए एक-दो बार संस्था के दस्तावेज मंगाकर जरूर देखे गए लेकिन जांच कमेटी में शामिल पांचों विधायक एक बार भी एक साथ नहीं बैठे। हैरानी की बात यह है कि जिस अशासकीय संस्था पर ज्ञापन में आरोप  लगाये जा रहे हैं वह दावा तो करीब 145 साल से अस्तित्व में होने का कर रही है, लेकिन उसके पास कथित तौर पर 125 साल का कोई रेकॉर्ड ही नहीं है। इतना ही नहीं  संस्था का पंजीयन भी 2015 के आसपास का बताया जाता है। यह सब मीडिया में प्रकाशित होने के बाद भी विधायकों की जांच कमेटी ने ध्यान नहीं दिया। 

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अब सवाल यही उठ रहे हैं कि विधायक महोदय ने विधानसभा की जांच समिति का सदस्य रहते हुए धर्मान्तरण के मामले की जांच करने में रूचि क्यों नहीं ली? अगर रूचि ली होती तो यह नौबत न आती  बताया जा रहा है कि धर्मांतरण के सबसे ज्यादा मामले नरयावली विधानसभा क्षेत्र में ही सामने आए हैं।

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