Awareness-Campaign--देश-के-विकास-के-लिए-जनसँख्या-नियंत्रण-कानून-जरूरी-स्वामी-सीतारमण

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सागर वॉच
 भारत विश्व की लगभग 18% जनसंख्या का भार वहन कर रहा है, जबकि आबादी के अनुपात में उसका भूभाग बहुत कम यानि लगभग 2.4 फीसद  और जल 4 फीसद है। यही कारण है कि सरकार के तमाम उपायों के बावजूद भी देश में बेरोजगारी की समस्या बढ रही है।जनसंख्या असंतुलन की इस समस्या के समाधान के लिए देश के सभी नागरिकों के लिए जाति, धर्म, क्षेत्र व भाषा से ऊपर उठकर समान रूप से जनसंख्या कानून लागू होना अति आवश्यक है।


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ये विचार सरस्वती शिशु मंदिर सदर में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में पधारे जनसंख्या समाधान फाउन्डेशन के राष्ट्रीय मार्गदर्शक  स्वामी सीताराम शरण महाराज, चित्रकूट धाम ने मीडिया से चर्चा के दौरान व्यक्त किये । उन्होंने कहा कि वर्तमान में जनसँख्या नियंत्रण कानून की जरूरत है। कुछ राज्य आगे आये है। 

जनसँख्या  नियंत्रण कानूनों के बारे में जनमत बनाने के तरीकों से जुड़े सवाल के जवाब में उन्होंने बताया कि देश की इस भीषण समस्या के समाधान के लिए प्रत्येक रविवार आपस में मेल-जोल, इन  समस्याओं पर विचार-विमर्श के लिए साप्ताहिक मिलन और माह के अंतिम शुक्रवार को जिला और तहसील मुख्यालयों से संबंधित जिलाधिकारियों के माध्यम से प्रधानमंत्री जी को 11 जुलाई को ज्ञापन भेजा जाना शामिल है । 


उन्होंने जम्मू, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड, हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, उड़ीसा, पश्चिम बंगाल, आसाम, त्रिपुरा, गुजरात, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, तेलंगाना, कर्नाटक तथा सुदूर केरल के सभी कार्यकर्ताओं को  आगामी 11 जुलाई विश्व जनसंख्या दिवस पर गली गली जागरण करके जनसंख्या नियंत्रण कानून की मांग को लेकर आन्दोलन खडा करने की योजना पर बधाई दी।


स्वामी सीतारमण ने देश के मौजूदा हालातों से जुड़े सवाल पर कहा कि जातिवाद की गहराती जड़ें देश के लिए खतरनाक हैं। भारत को अखंड भारत बनना है और हिन्दू संस्कृति को विश्व को मार्ग बनाना है तो जातिवाद से ऊपर उठना होगा। कण कण में श्रीराम को खोजने वाली संस्कृति को आपस में वैमनस्य समाप्त करना होगा।आशा जताई कि अब प्रधानमंत्री जी द्वारा जनसंख्या नियंत्रण कानून शीघ्र से शीघ्र बनेगा और देश के सभी नागरिकों पर समान रूप से लागू होगा।
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