Bhagwat katha-संस्कृति को नष्ट करने वाले फैशन को देश में घुसने से रोके- संत कमल किशोर


Bhagwat katha-संस्कृति को नष्ट करने वाले  फैशन को देश में घुसने  से रोके- संत कमल किशोर


सागर वॉच|27 दिसम्बर 2021| संपन्नता और सद्बुद्धि का साथ कम ही होता है। सम्पन्नता के साथ यदि सद्‌बुद्धि है तो समझो यह प्रभु की कृपा है। यह विचार संत श्री कमल किशोर नागर ने ग्राम पटकई बरारू में श्रीम भागवत कथा के प्रथम दिवस श्रद्धालुओं के समक्ष व्यक्त किए। कथा के प्रारंभ से पूर्व मध्य कलश यात्रा पर निकाली गई।

श्री नागरजी ने कहा कि अपनी संपूर्ण जीविका चलाते हुए मी ठाकुर जी को थोड़ा समय अवश्य देना। ठाकुर जी को समय देने वालों को हाथों हाथ वापस भी मिलता है । भगवान को जब घाव हुआ तो  द्रौपदी अपनी साड़ी फाड़कर पट्टी बांधी और समय पर भगवान ने इतनी बड़ी साड़ी लौटाई  कि दुःशासन खींचते-खींचते थक गया। भगवान पर हमेशा भरोसा  रखो। 

संत श्री नागर जी ने कहा कि जीवन में तीन जगह वक्त अवश्य पहला उसे जिसका समय खराब चल रहा हो वहां आपका दुखी समय से परिचय हो जाएगा दूसरा उसे जो बीमार हो, उसका हालचाल पूछने जाने से आपका बीमारी से परिचय हो जाएगा, तीसरा घर में यदि कोई बुजुर्ग पलंग पर पड़ा हो तो उसे समय अवश्य देना तो आपका कभी बुढ़ापा नहीं बिगड़ेगा।

संत श्री ने कहा कि पुत्रवान  बनने पर लोग  पुत्र को  सौभाग्यशाली मानते है लेकिन पहले इसका अनुभव तो लो। पुत्रवान बनने से ज्यादा जरूरी पुण्यवान बनना है। यदि पुत्र अच्छा है तो आपका पुण्य अच्छा है। क्योंकि आज के हालात ऐसे है कि पिता वाकर पकड़कर चल रहा है और पुत्र कुत्ते की सांकल  पकड़कर चल रहा है। 



संत श्री नागर जी ने कहा कि श्रीमद भागवत कथा मोक्ष का ग्रंथ है। इसको सुनने धुंधकाटी जैसे दुष्ट, अत्याचारी को मोक्ष प्राप्त हुआ। उन्होंने कहा कि सुख और  धन के पीछे भागने की बजाए भगवान के पीछे भागो उसी से मोक्ष मार्ग मिलेगा। उन्होंने कहा कि भारत विद्वानों को देश है बुद्धिमानों का नहीं। विद्वानों को परमपिता की कृपा प्राप्त होती है और बुद्धिमानों को सब कुछ पैसा है! उन्होंने हम दुश्मनों  को तो सीमा  पर रोक रहे हैं लेकिन फैशन तेजी से भारत में घुस रहा है और संस्कृति को नष्ट कर रहा है। इसे रोकना होगा।

 कलश यात्रा -

श्रीमद्भागवत कथा के पूर्व पटकुई स्थित हरिहर मंदिर परिसर से कलश यात्रा निकाली गई मुख्य यजमान श्रीमती राम  एवं श्याम बाबू केशरवानी सिर पर श्रीमद भागवत जी लेकर चल रहे थे। पीताम्बर वस्त्रों  में सजी महिलाएं सिर पर कलश लिए मंगल गान करती चल रही थी। 

इस अवसर पर राजेश के
शरवानी, सोहन मोहन केशरवानी, विधायक प्रदीप लारिया, राजकुमार धनौरा, मदनसिंह राजपूत, राकेशराय बेगमगंज, कृष्ण मोहन माहेश्वरी, राजेन्द्र बाकोरी, इंद्रजीत सिंह, जगदीश गुर, मोनू यादव, अनिल साहू, सौटम केशरवानी, रवीन्द्र चौरसिया, ओम प्रकाश केशरवानी, योगेन्द्र केशरवानी, कपिल केशरवानी, नितिन राय, प्रवीण आदि उपस्थित थे।
Share To:

Sagar Watch

Post A Comment:

0 comments so far,add yours