Moms-on-Mission-K2K- प्लास्टिक के सदुपयोग का सन्देश फ़ैलाने अकेले ही यात्रा पर निकलीं

Moms-on-Mission-K2K-

सागर वॉच।
 पर्यावरण को सुरक्षित रखने व प्लास्टिक की बोतलों के रचनात्मक उपयोग का सन्देश आम जन तक पहुचने के मकसद से मह्राराष्ट्र  के सोलापुर से तीन महिलाएं कार से कश्मीर से कन्याकुमारी तक की यात्रा पर निकलीं हैं। इस यात्रा के दौरान आज ये तीनों यात्री महिलाएं सागर पहुँचीं।  

शहर के एक निजी होटल में मीडिया से औपचारिक चर्चा की दल की सदस्य मंजूषा गाडगिल- एमए (मनोविज्ञान)जो पेशे से परामर्शदाता, आकाशवाणी एंकर, पेशेवर कार्यक्रम एंकर, मंच कलाकार, ट्रेकर हैै, दूसरी    सदस्य  तेजस्विनी चनाने -पेशे  टीचर; ट्रेकर, मंच कलाकार, पेंटिंग आर्ट्स से जुड़ी और वर्षा दंतकले- एमकॉम, शेयर बाजार, फैशन डिजाइनर, ट्रेकर आदि से जुड़ी है। 

Also Read: मप्र में कोरोना दर शून्य करने में महिला बाल विकास विभाग ने किया सराहनीय काम


यात्रा में स्थानीय लोगों का मिल रहा है भरपूर सहयोग 

दल की सदस्यों मंजूषा गाडगिल,ने बताया कि अभी तक के सफर के अनुभव काफी प्रेरक रहे है। हम लोगो की ड्रेस और स्लोगन देखकर कई दफा लोग जिज्ञासा के साथ पूछते है कि ये क्या है? जब हम लोग इसके उद्देश्य को बताते है तो लोग सराहना के साथ सेल्यूट भी करते है।

सदस्य  तेजस्विनी चनाने के मुताबिक कश्मीर के श्री नगर के लाल चौक पर हमें खुशी का अहसास हुआ। बड़ा सुखद माहौल था। पारिवारिक जिम्मेदारी निभाते हुए हम लोग कार यात्रा पर है। परिवार का भरपूर सहयोग हमे मिला है।

यात्रा के दौरान रोज की दिनचर्या के बारे में वर्षा दंतकले ने बताया कि  रोजाना सुबह जल्दी सफर शुरू होता है और शाम को रुकना। करीब 11 राज्यो से होते हुए हम कन्याकुमारी पहुचेंगे। इसके पहले भी ये  ट्रेकिंग यात्रा पर जा चुकीं है।  


विवि में हुआ स्वागत

डॉक्टर हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय में स्त्री सम्मान और पर्यावरण जागरूकता अभियान पर निकली महिला टीम का विश्वविद्यालय में स्वागत किया गया. विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. जनकदुलारी आही ने पुष्पगुच्छ देकर टीम के सभी सदस्यों का स्वागत किया और इस अभियान की सफलता की शुभकामनाएं दीं। 

शोलापुर (महाराष्ट्र) ‘We Care,We Dare’ अभियान के नाम से 08 सितंबर से कश्मीर से कन्याकुमारी तक की कार यात्रा पर निकली यह टीम 11 राज्यों से गुजरते हुए लगभग 8500 किलोमीटर की यात्रा कर 10 अक्टूबर को कन्याकुमारी पहुंचेगी। दल की सदस्यों के मुताबिक  'सपोर्ट वीमेन-रेस्पेक्ट वीमेन’ उनके अभियान का मुख्य उद्देश्य है। पचास से साठ आयु वर्ग की इन  तीनों महिलाएं ने पारिवारिक और सामाजिक जिम्मेदारी के तहत  यह अभियान शुरू किया है।  

ईको ब्रिक्स के उपयोग पर्यावण के हित में 

टीम की सभी सदस्यों ने एक सुर में  रोजमर्रा के जीवन में बढ़ते प्लास्टिक के उपयोग को कम से कम करने की  जागरूकता संदेश आम जन तक पहुचाने का संकल्प जताया है उन्होंने ने कि देश के लिए अच्छा होगा अगर लोग  प्लास्टिक के अधिक उपयोग से पर्यावरण को होने वाले नुकसान के बारे में जानें साथ ही अनुपयोगी और वेस्ट प्लास्टिक सामग्री की रिसाकिलिंग को बढ़ावा देने लगें।  उन्होंने बताया कि प्लास्टिक की रिसाइकिलिंग कर ईको ब्रिक्स (प्लास्टिक की ईंट) बनाकर अनेक उपयोग किये जा सकते हैं.

इस अवसर पर वाणिज्य विभाग के प्रो. जी.एल. पुणताम्बेकर, डॉ. ललित मोहन, उपकुलसचिव सतीश कुमार और मीडिया अधिकारी डॉ. विवेक जायसवाल उपस्थित थे। 
Share To:

Sagar Watch

Post A Comment:

0 comments so far,add yours