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 ओरछा वन्य जीव अभयारण्य को सुरक्षित, संरक्षित एवं विकसित करने के साथ-साथ पर्यटकों को मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए कार्य योजना तैयार कर कार्य प्रारंभ किये जाएंगे। उक्त निर्देश संभागायुक्त डा. वीरेन्द्र सिंह रावत ने ओरछा वन्य जीव अभयारण्य के संबंध में आयोजित वीडियो कान्फ्रेंसिंग में दिए। 

संभागायुक्त डा. वीरेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि ओरछा वन्य जीव अभयारण्य को सुरक्षित, संरक्षित, विकसित करने एवं पर्यटकों को बढ़ावा देने के लिए हर संभव प्रयास किये जा रहे है, जिसके लिए ओरछा ईको सेन्सेटिव मास्टर प्लान तैयार कर विस्तृत कार्य योजना तैयार की जा रही है। 

उन्होंने बताया कि ओरछा वन्य जीव अभयारण्य को पर्यावरण की दृष्टि से सुरक्षित करने के लिए भी कार्य योजना तैयार की जा रही है। विस्तृत मास्टर प्लान तैयार करने के लिए मध्यप्रदेश टूरिज्म बोर्ड के द्वारा सांई कन्सल्टेंट के माध्यम से कार्य किया जा रहा है।

उन्होंने बताया कि ओरछा वन्य जीव अभ्यारण में वन्स्पति और जीव जन्तु अत्यंत समृध्द है। अभयारण्य जैव विविधता में भी समृध्द है। इसमें कछुएं की 4 प्रजाति, मछली की 16, पक्षियों की 97 एवं गिदद् की 4 प्रजातियां मौजूद है। अभयारण्य में प्राकृतिक जल स्त्रोत भी उपलब्ध है। 

इसमें पर्यटन नेसर्गिक विरासत, मानव निर्मित विरासत स्थल, ध्वनि प्रदूषण रहित, वायु प्रदूषण रहित, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन, जैव चिकित्सीय अपशिष्ट प्रबंधन, सहित अन्य की व्यवस्थाएं भी की जा रही है।

डा. रावत ने बताया कि एक निगरानी समिति तैयार की जा रही है जिसमें अध्यक्ष सहित 12 सदस्य होंगे। ओरछा वन्य जीव अभयारण्य की परिधि 2 कि.मी. में परिस्थिति की संवेदी जोन में प्रस्तावित है। 

ओरछा नगर 100 मीटर परिधि का आवासीय क्षेत्र छोड़कर और उत्तरप्रदेश का क्षेत्र छोड़कर है। संवेदी जोन की परिधि के अंतर्गत 17 ग्राम आते है। सांई कान्सल्टेंट के श्री शुभम गोल ने बताया कि शासन के निर्देशों के अनुसार ओरछा ईको सेन्सेटिव मास्टर प्लान तैयार किया जा रहा है।

इस अवसर पर ज्वाइंट कमिश्नर  अनिल द्विवेदी, निवाड़ी, टीकमगढ कलेक्टर, नगर निगम कमिश्नर सागर श्री चन्द्रशेखर शुक्ला, डीएफओ पन्ना, टीकमगढ, टाउन एंड प्लानिंग की प्रबंधक सुश्री अपूर्वा गगराडें सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।
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