Morality in Society,
SAGAR WATCH/ सार्वजनिक जीवन में नैतिकता के विषय पर बोलते हुए साहित्यकार विजय बहादुर सिंह कहा कि मनुष्य नैतिकता अपनी आवश्यकता अनुसार गढ़ता है,नैतिकता समाज की लक्ष्मण रेखा है जो समाज कीमत नहीं चुका सकता नैतिकता नहीं ला सकता। महापुरुष इस बात के उदाहरण है। उन्होंने कहा कि नैतिकता का ठिकाना साहित्य हैं और हमेशा रहेगा।
ये विचार उन्होंने स्वर्गीय विश्वनाथ सिंह ठाकुर स्मृति में सरस्वती वाचनालय गौर मूर्ति सागर में सार्वजनिक जीवन में नैतिकता विषय पर संपन्न व्याख्यान में अपना उद्बोधन के दौरान व्यक्त किये।
इसी सिलसिले में पत्रकार उमेश त्रिवेदी ने विस्तार से सार्वजनिक जीवन में नैतिकता पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि सभी क्षेत्रों में नैतिक गिरावट आई है चाहे वह राजनीति का हो,व्यापार का हो,साहित्य का हो, पत्रकारिता का हो,समाज इन चुनौतियां का सामना कर आगे बढ़ता रहा है। इस कार्यक्रम में आने से मुझे नैतिक बल मिला है,आयोजकों का मैं आभारी हूं।
समाजवादी नेता और कार्यक्रम के अध्यक्ष श्री रघु ठाकुर ने अपने संबोधन में नौजवानों से अपील करते हुए कहा कि हमें समाज को नैतिक पतन से बचाना है। इसके लिए हमें एक साथ खड़े हो।
उन्होंने नौजवानों से महिलाओं आह्वान किया कि हम सब मिलकर नैतिकता की और बढ़ चलें समाज हमारी ओर देख रहा है नैतिक गिरावट को हम खत्म करके दम लेंगे।
उन्होंने कहा कि समाज सदैव नैतिकता का समर्थन करता रहा है। आज का उपस्थित समूह इस बात का संदेश है। उन्होंने कहा कि समाज को बदलने के लिए बुराइयों की नहीं अच्छाइयों की चर्चा करें। महापुरुष के आचरण इन बातों के आदर्श हैं। समाज में नैतिक पतन को उन्होंने पूजीबाद के लिए जिम्मेदार बताया। पूंजीवाद अनैतिक विचारधारा है,समाजवाद नैतिकता है पूंजीवाद के बढ़ने से विकृति आएंगी। नैतिकता का सबसे बड़ा शत्रु विवाद है जो गैर बराबरी और विस्मता को जन्म देता है और अंत मैं उन्होंने कहा कि यदि नेता नैतिक है तो समाज भी नैतिक बनेगा।
श्री विजय बहादुर सिंह साहित्यकार का स्वागत रामकुमार पचोरी ने किया श्री रघु ठाकुर का स्वागत रफीक गनी और पप्पू गुप्ता ने किया।कार्यक्रम का संचालन डॉक्टर बद्दी प्रसाद ने किया आभार पंडित सुखदेव प्रसाद तिवारी ने माना।
इस अवसर पर ठाकुर विश्वनाथ सिंह के परिजन सहित प्रमुख रुप से उपस्थित रहने वालों में श्री लक्ष्मीनारायण यादव पूर्व सांसद,सुनील जैन पूर्व विधायक सुरेन्द्र चौधरी पूर्व विधायक,अशोक श्रीवास्तव,रमाकांत यादव,राम अवतार तिवारी, भोलेश्वर तिवारी,हेमचंद्र जैन,कैलाश सिघईं,सुरेश आचार्य,डा श्याम मनोहर सिरोठिया,
विष्णु आर्य योगाचार्य,सुरेंद्र सुहाने, साहित्यकार पूरनसिंह,देवेंद्र फुसकेले,डॉ जिनेंद्र जैन,टी आर मलैया,भूपेंद्र मुहासा,बी डी पटेल,आशीष ज्योतिषि,राहुल चौबे,राम गोपाल यादव,राहुल व्यास,कवि अशोक मिजाज, गजाधर सागर,
बुंदेल सिंह बुंदेला,नाराण सिंह उमकांत मिश्रा सनोधा,पप्पू गुप्ता, पंकज सिंघई,शिवराज सिंह ठाकुर,महेश पांडे,भूपेंद्र सिंह बंडा,गजाधर सागर,एड. चंद्रभान सिंह राजपूत,सीताराम पाठक,विनोदतिवारी,चिकी एंथोनी,सिंटू कटारे ,
महेश जाटव,नितिन पचौरी,कपिल पचोरी,अकरम खान, रमेश सोनी,अभिनीत पांडे,ओमपाल आदिवासी मोहन आदिवासी,तुलसीराम श्रीराम आदिवासी,श्रीराम शर्मा,अवतार शर्मा,पवन रैकवार,हरीश लोधी,बीरन लोधी,ममता भूरिया,
पूजा पाराशर,आर आर पाराशर, लक्ष्मी पांडे,सिम्मी ठाकुर, मोना ठाकुर,रुचि,सुनील भदोरिया,देवेंद्र कुर्मी,जितेंद्र खटीक,मोहन देवलिया, निरंजन सिंह,कुलदीप भाटिया,बंटू मुखरिया,मुकेश साहू,संजय व्यास,बृजेंद्र नगरिया,राजेश उपाध्याय,
शशि कुमार,प्रहलाद पचौरी सहित गणमान्य नागरिक पत्रकार बंधु आदि एकसंख्या में लोग उपस्थित थे
बहुत ही विचारोत्तेजक एवं सामयिक कार्यक्रम रहा ...आयोजकों को साधुवाद ..! -महेंद्र चौरसिया, बड़ा बाज़ार,सागर मप्र ।
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