Birth Cenetary-संसदीय मर्यादाओं-परम्पराओं के धुर समर्थक थे मधु लिमये

Birth Cenetary-संसदीय मर्यादाओं-परम्पराओं के धुर समर्थक थे मधु लिमये

सागर वॉच/
लोहियावादी विचारधारा के अनुयायी व् समाजवादी चिन्तक  राजनाथ शर्मा के मुताबिक समाजवादी चिन्तक स्वर्गीय मधु लिमये का जीवन युवाओं को प्रेरणा लेने का है यदि राजनीति के उच्च मापदंड स्थापित किये जा सके तो समाज जल्दी बदलेगा। स्वर्गीय विश्वनाथ सिंह के जन्मदिवस पर मधु लिमए का भारतीय राजनीति में योगदान विषय पर होटल क्राउन पैलेस के हाल में आयोजित कार्यक्रम में आमंत्रित श्रोतागणों को संबोधित करते हुए उन्होंने बताया कि लिमये ने  लोगों को संघर्ष करना सिखाया और सिद्धांतों के साथ जीना भी। 

इसी सिलसिले में अपने  अध्यक्षीय उद्बोधन में समाजवादी चिन्तक रघु ठाकुर ने कहा कि मधु जी का जीवन आम आदमी को एवं गरीबों को समर्पित जीवन था। आजादी के आंदोलन में उन्होंने अल्प आयु में संघर्ष किया और जेल गए । उनका जीवन एक प्रकार से आंदोलन का जीवन था। स्वतन्त्रता संग्राम के आंदोलन गोवा मुक्ति आंदोलन आपातकाल का विरोध जे पी आंदोलन करते हुए उन्होंने अपना संपूर्ण जीवन गरीबों के लिए संघर्ष में लगाया। 

उन्होंने कहा कि मधु लिमए जी का मतलब है संघर्ष। वह लंबे समय तक जेल में रहे और उनका सोचना था की जीवन में जेल इंसान के निर्माण का सबसे बढ़िया माध्यम है। पूरा जीवन सिद्धांतों के साथ जिया। संसदीय मर्यादाओं का और संसदीय परंपराओं का भी उन्होंने बखूबी निर्वहन किया। उनके जमाने में संसद गरीबों की संसद थी जहां गरीब की आवाज उठाई जाती थी। 

उन्होंने संसदीय परंपरा के कई नैतिक मूल्य स्थापित किए। वह विरोधियों के भी सम्मानीय थे । यह राजनीति का सबसे बड़ा सम्मान उन्होंने पाया था। चंपा जी का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि वह सदैव नर नारी समानता के पक्षधर थे और यह उन्होंने लोहिया जी एवं महात्मा गांधी के जीवन से सीखा था। आज मधु लिमए जी के सिद्धांत को राजनीति की बहुत आवश्यकता है। अगर ऐसा हो सका तो देश बदलने में देर नहीं लगेगी । 

उन्होंने सांसदों की पेंशन एवं वेतन वृद्धि का विरोध किया उन्होंने महंगे चुनाव रोकने के लिए आदर्श आचार संहिता बने इसके लिए कार्य किया और राजनीति के साधनों पर किसी का स्थाई हक नहीं है यह भी उन्होंने अपने आचरण से सिद्ध किया। पूरे देश में  मधु लिमए जी का जन्म शताब्दी वर्ष मनाया जा रहा है । सभी जगह यह कार्यक्रम संपन्न हो रहे हैं और हर्ष की बात यह है कि युवा कार्यक्रमों में बढ़-चढ़कर हिस्सेदारी कर रहे हैं । इससे यह साफ संदेश है कि लोग अभी भी शुचिता और ईमानदारी की राजनीति के पक्षधर हैं।

पूर्व सांसद लक्ष्मी नारायण यादव ने मधु जी के जीवन से जुड़ी घटनाओं को याद किया और कहां की मधु जी के सिद्धांत अपनाने के लिए बहुत ही दृढ़ निश्चय की आवश्यकता है । ऐसा कम ही लोग कर पाते हैं। 

वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेंद्र पाल सिंह ने कहा कि उनके जीवन को चार काल खंडों में विभाजित करके देखना चाहिए _ पहला आजादी के आंदोलन में हिस्सा दूसरा राजनीति तीसरा संसदीय परंपराएं और चौथा उनके द्वारा किया गया लेखन । उन्होंने सिद्धांत के उच्चतम कीर्तिमान स्थापित किए थे । 

कार्यक्रम की प्रस्तावना मोर्चा के संयोजक डॉक्टर बद्री प्रसाद ने रखा और मधु लिमए जी के जीवन से जुड़ी अनेक घटनाओं का जिक्र किया । उन्होंने कहा प्रतिवर्ष स्वर्गीय विश्वनाथ सिंह जी की स्मृति में यह आयोजन होते रहे हैं और आगे भी होते रहेंगे।

इस अवसर पर समाज सेवा में कार्य कर रहे व्यक्तियों को सम्मानित किया गया। स्वर्गीय श्रीमती शशि जैन की स्मृति में पंडित सुखदेव प्रसाद तिवारी श्री निरंजन प्रसाद पचौरी जी की स्मृति में डॉ डीके गोस्वामी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी सागर एवं स्वर्गीय विश्वनाथ सिंह की स्मृति में समाजसेवी हेम चंद जैन को सम्मानित किया गया। श्री मति सरिता तिवारी ने श्री मति निधि जैन प्रधान सम्पादक आचरण का सम्मान किया। 

कार्यक्रम का संचालन राम कुमार पचौरी ने किया और आभार श्री अरुण प्रतापसिंह ने माना। प्रमुख रूप से सुनील जैन पूर्व विधायक साहित्यकार शरद सिंह श्याम मनोहर सिरोठिया, क्षिप्रा सिंह उमाकांत मिश्रा, वंदना सिंह, सुरेंद्र सुहाने, नारायण सिंह सनोधा, महेश पांडे, पप्पू गुप्ता, मुकुल पुरोहित रामजी दुबे सिंटू कटारे लालचंद घोसी विनोद तिवारी बजेन्द् नागरिया राजेश उपाध्याय लाल्ला यादव पकंज सिघई शुभम घोसी अब्बू घोसी हेमेश सिंह टीला महेश श्रीवास्तव अब्दुल रफीक गनी आशीष जोशी शैलेंद्रसिंह, अखलेश केसरवानी, अतुल मिश्रा  केबल जैन, जे के जैन, अमोल सिंह ठाकुर, महेंद्र दुबे, राम किशन चौरसिया, राहुल साहू, शिवराज सिंह ठाकुर, रमेश सोनी, हरिदयाल गोस्वामी, सुरेश जाट, इंदु चौधरी, पप्पू तिवारी,  चक्रेश जैन, प्रोफेसर विनोद दीक्षित, महेश जाटव, भूपेंद्र सिंह चंद्रभान सिंह, पंकज सिंघई, अविनाश चौबे,  सहित शहर के गणमान्य नागरिक गण समाजसेवी डॉ  एडवोकेट  व विश्वनाथ सिंह के परिजन  तथा अन्य गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।
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