Religious Discourse 6th Day- संपत्ति नहीं भाव स्वीकार करते हैं परमात्मा
सागर वॉच। जब जीव को परमात्मा को प्राप्त करने के लिए अतिउतकण्ठा, उत्पन्न होती तभी भाव जाग्रत होता है भक्ति प्राप्त करने की प्रथम सीढ़ी है। ठाकुर जी भाव के ही भूखे होते हैं। मकरोनिया दीनदयाल नगर स्थित एस.वी.एन कॉलेज परिसर में चल रही श्री भक्तमाल कथा संत समागम के छटवें दिवस पर कथा में व्यक्त किये।
उन्होंने कहा कि भक्ति विराजमान है ऐसे हृदय में जहां भक्ति है वहां भगवान हैं। भक्ति साक्षात् राधाजु की चरणों में है। नरसिंह बैठे प्रति खम्ब में पहलाद जैसा भक्त आ जाए तो खम्ब-खम्ब नहीं रहेगा उसमें से ठाकुर जी दर्शन देने निकल आयगें।
श्री 1008 स्वामी श्री किशोरदास महाराज ने कहा कि भगवान भाव को ही स्वीकार करते हैं संसार भर सम्पत्ति को परमात्मा को देने कुछ होने वाला नहीं जब तक मन मंदिर में भाव उत्पन्न नहीं होगा तब तक भगवान कुछ भी स्वीकार नहीं करते भाव से ही इस भव से बेड़ा पार हो पाएगा।
जगतगुरू द्वाराचार्य मलूक पीठाधीश्वर डॉ. राजेन्द्रदास देवाचार्य जी महाराज कथा में कहा कि भारत वर्ष की पवित्र भूमि पर जन्म लेने वाले ऐसा कैसा पुण्य किया कि हम सबकों भारतवर्ष में जन्म मिला। हरि ने स्वयं कृपा करके भारतवर्ष में जन्म दे दिया। भारतवर्ष में जन्म देने से ही संत सेवा का भाव पैदा होता है हम तो कहें गर्व में ही जब हम रहते हैं तभी भक्ति का भाव आ जाता है।
बुंदेलखण्ड वासी इतने परम सौभाग्यशाली हैं उन्हें गुरूपुर्णिमा का महामहोत्सव सागर में मिल रहा है। गुरूपुर्णिमा पर स्वामी श्री के दर्शन वृंदावन में हों और आप धन्य धन्य है कि आपको गुरूपुर्णिमा महोत्सव यहां मिला है। सत्य को छिपा नहीं जा सकता संतों की वाणी में जिन अल्कतों का दर्षन हमकों हो रहा है वह आसामान्य बात है जिनके हृदय में युगल सरकार हरदम वास करते हैं तब यह वाणी से हमें कथा सुनने मिलती है।
गुरूपुर्णिमा महोत्सव 13 जुलाई को मनाया जा रहा है। कथा में संत सेवा, आवास सेवा, भोजन प्रसादी, मंच व्यवस्था, स्वागत व्यवस्था, कथा पंडाल में सेवा व्यवस्था में लगभग 300 धर्मप्रेमीबन्धु सुबह से रात्रि तक अपनी सेवा दे रहें है। प्रतिदिन रात्रि 8 बजे से भजन संध्या निरन्तर चल रही है और पूज्य स्वामी जी के भी दर्षन हो रहें है। राधे-राधे मंडली द्वारा सकीर्तन भजन संध्या की गई।
कैबीनेट मंत्री भूपेन्द्र सिंह जी, पं.अभिषेक भार्गव, श्री 1008 किशोरदास महाराज जी को साल श्रीफल पुष्प माला पहनाकर गुरूवर से आशीर्वाद लिया।
Post A Comment:
0 comments so far,add yours