Christmas Day Message- ...हिंसात्मक भक्ति से ज्यादा प्रेम और परोपकारिता का मार्ग चुनें...
हर समय ऐसा लगता है कि पूरी दुनिया युद्ध के मुहाने पर खड़ी है। दुनिया के ज्यादातर देश अपने आर्थिक संसाधन का प्रयोग मानव हित के बदले महाविनाश के हथियारों के लिए कर रहे हैं। क्रिसमस पर्व का संदेश है कि हम संयम,स्वीकार्यता, क्षमा को अपनाएं।
यह बात सागर प्रांत के बिशप जेम्स ने संत योहन के हवाले से कही। इससे पहले उन्होंने कहा कि वर्तमान में यदि इस संसार और मानव को सबसे अधिक किसी चीज की आवश्यकता है तो वह है शांति, प्रेम और क्षमा। धर्म से बढ़कर धार्मिकता को प्राथमिकता दें। वर्तमान में बढ़ रही हिंसात्मक भक्ति से ज्यादा प्रेम और परोपकारिता का मार्ग चुनें।
भौतिक या संसार की समस्याओं से निजात दिलाने के लिए कई सारे महापुरुषों ने जन्म लिया। लेकिन इंसान को पाप से मुक्ति दिलाने के लिए प्रभु यीशु मानव बन दुनिया में आए। जो उनके नाम और उनके कार्यों में विश्वास करेगा, उनकी शिक्षा का पालन करेगा। उसे सारे गुनाहों से मुक्ति मिलेगी।
बिशप जे्स ने कहा कि क्रिसमस पर्व हम से आग्रह करता है कि हम हर उस व्यक्ति तक पहुंचे। जिसे भौतिक और आत्मिक जरूरत है। उनकी कमियों को पूरा करें। अत्यधिक अपेक्षाओं के बदले सरल जीवन को सार्थक बनाएं। संयम, स्वीकार्यता, अपनापन और क्षमा को जीवन का मंत्र बनाएं। प्रभु यीशु की शिक्षा को समझें, सीखें, स्वीकार करें और पालन करें। जिससे हम दुनिया में वह बदलाव ला सकें जो हम चाहते हैं।
धर्म से बढ़कर धार्मिकता को प्राथमिकता दें। वर्तमान में बढ़ रही हिंसात्मक भक्ति से ज्यादा प्रेम और परोपकारिता का मार्ग चुनें। आइए हम सब मिलकर मानवता का प्रचार करें। जिससे सच्चे धर्म का प्रसार हो। अपने वतव्य के बाद बिशप जे्स, फादर साबू, फादर साजू समेत सिस्टर्स ने प्रेस के साथियों के साथ यीशु के जन्म दिवस के उपलक्ष्य में केक काटा और एक-दूसरे का मुंह मीठा कराया।
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