Reporter Teerandaaj
➹ यह बहुत बड़ी खबर है। आखिरकार सरकार को जनता की तकलीफ महसूस हुई और सरकार ने सड़कों के गड्ढे भरने का मन बना लिया। हालाँकि इस फैसले का आगामी चुनावों से कुछ भी लेना देना नहीं है । अब लेकिन मीन मेख निकालने वालों का क्या, उन्हें तो हर बात में कुछ बदमाशी नजर आती है।
आप उनके कहने पर मत जाइए। उन्होंने तो कहना शुरू कर दिया है कि अक्टूबर के दूसरे पखवाड़े के शुरू होने तक अचार संहिता लग सकती है। इसीलिए निविदाओं की प्रक्रियाओं को पूरा होने में लगने वाले समय को सरकार ने घटा कर एक तिहाई तक कम कर दिया है। वे तो यहाँ तक बुद्धि दौड़ा रहे हैं कि अगली सरकार बनाने की राह में गड्ढों से भरी सड़कों को अडंगा न बन पायें इसलिए ये सारे नीतिगत बदलाव किये जा रहे हैं।
जबकि फैसले के पीछे की हकीकत कुछ और भी हो सकती है पर यह सही लगता है कि अनायास ही सरकार की संवेदनशीलता बढ़ गयी है। इससे यह उम्मीद भी बढ़ गयी है कि जल्द ही प्रदेश की सड़कें गड्ढों से मुक्त हो जायेंगीं ।हालांकि यह भी हो सकता है की जल्दबाजी करने के चक्कर में कुछ गड्ढे भरे जाने के बाद चुनाव तक ही चल पायें। पर फिर भी सरकार द्वारा अच्छे मन से किये गए प्रयासों की तारीफ की जानी चाहिए। एक बार नयी सरकार आ जाये फिर आप जितने चाहे बुराई कर लेना। सरकार बिलकुल भी बुरा नहीं मानेगी। वह ऐसे जल कुकड़ों की बातों पर ध्यान तक नहीं देगी।➹
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