सागर वॉच। मध्यप्रदेश के सागर जिले के खुरई विधानसभा क्षेत्र की बरोदिया नगर परिषद के सभी 15 उम्मीदवार निर्विरोध चुनाव जीत गए है। यह एक रिकार्ड है। यहां कांग्रेस को उम्मीदवार तक नहीं मिले है। भाजपा नेता भूपेंद्र सिंह के विधानसभा क्षेत्र से निर्विरोध जीते सभी उम्मीदवार भाजपा के है। उनके विधानसभा क्षेत्र की तीन नगर परिषदों के 45 वार्ड पार्षदों में अभी तक 38 उम्मीदवार निर्विरोध जीते है।
सागर वॉच। मध्यप्रदेश के सागर जिले के खुरई विधानसभा क्षेत्र की बरोदिया नगर परिषद के सभी 15 उम्मीदवार निर्विरोध चुनाव जीत गए है। यह एक रिकार्ड है। यहां कांग्रेस को उम्मीदवार तक नहीं मिले है। भाजपा नेता भूपेंद्र सिंह के विधानसभा क्षेत्र से निर्विरोध जीते सभी उम्मीदवार भाजपा के है। उनके विधानसभा क्षेत्र की तीन नगर परिषदों के 45 वार्ड पार्षदों में अभी तक 38 उम्मीदवार निर्विरोध जीते है।
सागर वॉच / सागर नगर निगम के महापौर चुनाव में प्रत्याशी चयन में पिछड़ी भाजपा की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। किस जाति वर्ग के प्रत्याशी को उतारा जाए इस बात को लेकर भाजपा में मतभेद पैदा हो गए।
कांग्रेस पार्टी महापौर चुनाव के लिए अपना पांसा निधि सुनील जैन को अपना प्रत्याशी के रूप में पहले ही फेंक चुकी है। गौरतलब है कि कांग्रेस प्रत्याशी सागर विधानसभा क्षेत्र से ही चुनाव जीते शैलेन्द्र जैन के छोटे भाई की पत्नी है। रिश्तेदारी के इस समीकरण के चलते भी भाजपा के खेमें में काफी अफरा तफरी का माहौल बना हुआ है।
बदले हुए सियासी हालातों में भाजपा का एक बड़ा वर्ग ब्राह्मण समाज का प्रत्याशी उतारने की सिफारिश कर रहा है। लेकिन जातिवर्ग के गणित की अलावा एक और घटक भाजपा की पेशानी पर चिंता की लकीरें खींच रहा है वह है सियासत में लगातार सक्रिय रही हो ऐसे किसी महिला प्रत्याशी की तलाश । भाजपा के अधिकांश महिला दावेदार घरेलू महिला के रूप में हैं उनमें भी कई उम्र की दृष्टि से ज्यादा वरिष्ठ हैं।
भाजपा की और से महापौर प्रत्याशी के लिए अब तक जो नाम सामने आये हैं उनमें ऋतू श्याम तिवारी, प्रतिभा चौबे व संध्या भार्गव के नाम ज्यादा चर्चा में हैं ।
ऐसे में भाजपा प्रत्याशी चयन को लेकर चिंतित है नगरी प्रशासन मंत्री भूपेंद्र और नगर विधायक शैलेंद्र जैन के ऊपर ही पार्टी पूरी तरह निर्भर है।
ऐसे में पार्टीजन बड़ी बेसब्री से इन्तजार कर रहे हैं की आखिर दोनों में से किस नेता के समर्थक को प्रत्याशी बनाया जाता है इस बात पर सबकी निगाहें लगी हुई है पार्षद प्रत्याशियों के चयन के मामले में नगर विधायक शैलेंद्र जैन को ज्यादा महत्व मिलने की संभावना है।
बताया गया है कि उन्होंने लगभग 38 वार्डों में अपने समर्थक भाजपा नेताओं को पार्षद का टिकट दिलाने की रणनीति बनाई है । शेष 10 स्थानों पर जिले के तीनों मंत्रियों और संगठन से जुड़े भाजपा नेताओं को मौका मिल सकता है।
नगरी निकाय चुनाव के मद्देनजर सागर में भाजपा की ओर से सामूहिक भोज का सिलसिला शुरू हो गया है समाज के विभिन्न वर्गों के लोगों और शासकीय कर्मचारियों को अलग-अलग समूह में भोजन के लिए आमंत्रित किया जा रहा है।
भाजपा में महापौर पद के लिए 15 से अधिक महिला नेताओं की दावेदारी के बीच पार्टी को अब इस बात की चिंता है की टिकट की घोषणा के बाद पार्टी में विरोध और बगावत के स्वर तेजी से ना उभरे इसलिए आप दावेदारों को निजी तौर पर संपर्क कर उनसे आग्रह किया जा रहा है कि वह अपनी दावेदारी वापस ले ले।
नगरी प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह के एक धुर समर्थक माने जाने वाले भाजपा नेता महापौर पद के लिए टिकट की दौड़ में बिछड़ते नजर आ रहे हैं ऐसे में गत दिवस उन्होंने मंत्री के समक्ष अपनी नाराजगी सार्वजनिक रूप से जाहिर कर दी।
सागर वॉच। 26 सितंबर। (अवनीश जैन ) / बुंदेलखंड के सागर संभाग के छह जिलों में स्थित पचास निकायों में मुख्य नगर पालिका अधिकारी के पद खाली पड़े हैं और प्रभारियों के भरोसे चल रहे है. आलम यह है कि दमोह नगर पालिका और पथरिया नगर परिषद में तो पिछले चार वर्ष से एक उपयंत्री सीएमओ के प्रभार में .रह चुके हैं तो कहीं पर लिपिक तो कहीं पर लेखापाल प्रभारी सीएमओं बने बैठे है.
नगरीय प्रशासन एवं विकास तथा आवास मंत्री भूपेंद्र सिंह ठाकुर के गृह जिले की दस नगर पालिकाएं मुख्या नगर पालिका अधिकारी पदस्थ नहीं होने के चलते प्रभारियों के भरोसे चल रहीं हैं । जहाँ रहली नगर पालिका में मुख्य लिपिक कम लेखापाल नितिन नारायण पांडे के स्थान पर अजय गुमास्ता राजस्व उप निरीक्षक को प्रभार सौंपा गया है तो वहीँ नगर परिषद शाहपुर में उपयंत्री वीर विक्रम सिंह पौने दो वर्षों से सीएमओं के प्रभार में है।
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दमोह जिले का हाल भी कुछ ऐसा ही है, वहां दमोह नगर पालिका में वर्षों से पदस्थ उपयंत्री कपिल खरे 8 नबंवर 2016 से प्रभारी सीएमओ के रूप में काम देख रहे है साथ ही पथरिया नगर परिषद का भी काम देख रहे है हटा नगर पालिका में भी सुशील अग्रवाल प्रभारी सीएमओ के रूप में हैं।
पन्ना जिले में नगर परिषद अजयगढ़ में लेखापाल, नगर परिषद ककरहटी में सहायक राजस्व निरीक्षक, नगर परिषद अमानगंज और नगर परिषद पवई में राजस्व उपनिरीक्षक नगर पालिका चला रहे हैं ।
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छतरपुर जिले में नगर पालिका नौगांव में राजस्व निरीक्षक तो नगर पालिका महाराजपुर में राजस्व उपनिरीक्षक सीएमओ के प्रभार में है. नगर परिषद हरपालपुर और गढ़ी मलहरा में सहायक ग्रेड 1 प्रभारी के रूप में काम कर है. नगर परिषद चंदला में राजस्व उपनिरीक्षक तो बारीगढ़ में राजस्व उपनिरीक्षक और राजनगर में सहायक राजस्व अधिकारी प्रभारी बने बैठे है.नगर परिषद खजुराहों में भी लेखापाल लखन तिवारी प्रभारी सीएमओ के रूप में कार्य देख रहे है. नगर परिषद बड़ा मलहरा में मुख्य लिपिक कम लेखापाल साहब बने बैठे हैं ।
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टीकमगढ़ जिले में घुवारा में राजस्व उपनिरीक्षक, बक्स्वाहा में सहायक ग्रेड 1 प्रभारी बने बैठे है. नगर परिषद कारी में स्वास्थ्य अधिकारी को मुख्य नगर पालिका अधिकारी का प्रभार दे दिया गया है. बड़ा गांव में राजस्व उपनिरीक्षक, खरगापुर में राजस्व उपनिरीक्षक, पलेरा में सहायक ग्रेड 2, जतारा में राजस्व उपनिरीक्षक, लिधौरा खास में सहायक ग्रेड 2, पृथ्वीपुर में राजस्व उपनिरीक्षक, निवाड़ी में राजस्व निरीक्षक, तरीकरचला में राजस्व उपनिरीक्षक और नगर परिषद ओरछा में राजस्व उपनिरीक्षक डेढ़ दो साल से मुख्य नगर पालिका अधिकारी के प्रभार में चल रहे है. बाकी नगर पालिकाओं और नगर परिषदों में लोकसेवा आयोग से चयनित मुख्य नगर पालिका अधिकारी पदस्थ हैं.
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मुख्य नगर पालिका अधिकारी के पद पर पदस्थापना न होने के कारण प्रभारी अधिकारियों की मनमानी आती रहती है. जिसका असर निकायों के विकास कार्यों पर भी पड़ता है और शासन की मंशानुरूप काम भी नहीं हो पाते हैं और निर्माण कार्यों में घटिया सामग्री की शिकायतों के चलते गुणवत्ता पूर्वक कार्य भी पूर्ण नहीं हो पाते है