Smart-City-Under-Scanner-निर्माण-कार्यों-की-जाँच-कराएँ-व-बिलों-का-भुगतान-रोकें-विधायक

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सागर वॉच।
 
स्मार्ट सिटी के तहत करीब एक हजार करोड़ के निर्माण कार्य चल रहे है। जिनमे कई तरह की गड़बड़ियां सामने आई है। नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह का गृह जिला होने के नाते  भी निर्माण कार्यों भारी अनिमियतता व् गुणवत्ताहीन कार्य होने की शिकायतें मिल रहीं हैं जिनके चलते स्थानीय विधायक ने जिला कलेक्टर को पत्र लिखकर निर्माण कार्यों की जाँच कराये जाने व बिलों का भुगतान रोकने की सिफारिश की है 

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स्मार्ट सिटी सागर में हो रहे निर्माण कार्यो में देरी और घटिया निर्माण को लेकर अब नाराजगी सामने आने लगी है। सागर के भाजपा से विधायक शेलेन्द्र जैन ने  शहर में स्मार्ट सिटी के अंतर्गत चल रहे स्मार्ट रोड निर्माण में विलंब एवं अनियमितताओं को लेकर कलेक्टर दीपक आर्य को पत्र लिखा है। 

जिसमें उन्होंने  उल्लेख किया है  कि सागर नगर में चल रही स्मार्ट रोड निर्माण परियोजना के परिपेक्ष आपका ध्यान आकर्षित करना चाहता हूं कि सागर शहर के प्रमुख मार्गों का ₹80 करोड़ की लागत से निर्माण प्रस्तावित था इसके अंतर्गत तिली तिराहे से सिविल लाइन चौराहे तक महत्वपूर्ण सड़क के निर्माण कार्य की शुरुआत की गई थी

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लेकिन आपको यह बताते हुए अत्यंत क्षोभ हो रहा है कि निर्माण एजेंसी द्वारा इस सड़क के निर्माण हेतु 75 दिवस का समय नियत किया गया था परंतु 6 माह बीत जाने के बाद भी के निर्माण अपनी पूर्णता की ओर जाता दिखाई नहीं दे रहा है इस सड़क निर्माण को लेकर क्षेत्र के प्रबुद्ध नागरिकों एवं आम जनता के द्वारा शिकायतें प्राप्त हो रही हैं।

इन निर्माण कार्यों का मैंने एवं आपके साथ अनेकों बार निरीक्षण किया है इसमें पाया गया है कि निर्माण एजेंसी एवं ठेकेदार द्वारा कार्य में गुणवत्ता का पालन नहीं किया जा रहा है। विगत दिनों सिविल लाइन क्षेत्र में इनके द्वारा बनाए गए कल्वर्ट की गुणवत्ता को मैंने मौके पर जाकर देखा था जिसमें अत्यंत घटिया निर्माण किया गया था और उसमें जिस लोहे का इस्तेमाल किया गया था। वह परिवहन की दृष्टि से अत्यंत कमजोर था, निर्माण के दौरान जगह-जगह पानी की लाइन को तोड़ने की भी शिकायतें प्राप्त हो रही हैं लोगों को कई कई दिनों तक पानी की समस्या से जूझना पड़ रहा है।


इनके निर्माण कार्य की गुणवत्ता के परीक्षण की जिम्मेदारी जिस पीएमसी के पास है, उनके इंजीनियर के द्वारा भी घनघोर लापरवाही की जा रही है यह सब बातें एक जनप्रतिनिधि के नाते असहनीय है।

इस पत्र के माध्यम से आपसे आग्रह करना चाहता हूं कि इनके कार्यों की निष्पक्ष एजेंसी से जांच कराई जाए एवं गुणवत्ता के परीक्षण के लिए नियुक्त पीएमसी के स्थान पर किसी उपयुक्त कंसलटेंट को नियुक्त किया जाए और जब तक यह जांच पूरी नहीं हो जाती इनके समस्त भुगतानों पर प्रतिबंध लगाया जाए।


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