Transfer-Policy-राज्य-सरकार-की-तबादला-नीति-में-संतुलन-का-अभाव

Transfer Policy- राज्य सरकार की तबादला नीति में संतुलन का अभाव

सागर वॉच ।
राज्य सरकार द्वारा पिछले माह बड़े पैमाने पर सागर जिले में अधिकारियों और कर्मचारियेां के तबादले किये गये हैं। किन्तु तबादला प्रक्रिया के दौरान पर्याप्त संतुलन न होने के कारण कई स्थानों पर कर्मचारियों की अधिकता हो गई है। इन तबादलों से कुछ महकमों में  कर्मचारी अतिशेष में हो गए हैं जबकि कुछ विभागों में कर्मचारियों की जबरदस्त कमी के बाद भी एक नयी पदस्थापना नहीं के गयी ।

सूत्रों के मुताबिक आबकारी विभाग, खाद्य विभाग और खनिज विभाग  ऐसे विभाग हैं जहां पहले से ही स्वीकृत पदों से कम संख्या में अधिकारी कर्मचारी हैं। ऐसे में तबादला होने से कर्मचारियों की और कमी हो सकती है। राज्य सरकार को बार-बार पत्र लिखकर इन  विभागों में नये लोगों की पदस्थापना की मांग की जाती रही है। 


किन्तु शासन स्तर पर ऐसे प्रकरणों में कोई सुनवाई नहीं हो रही। जिससे स्पष्ट है कि सरकार स्वयं आबकारी विभाग और खाद्य विभाग में होने वाली अनियमितताओं को  रोकने के लिए गंभीर नहीं है।इसी वजह से सरकार अवैध शराब के परिवहन और बिक्री पर रोक नहीं लगा पा रही है  और न ही खाद्य पदार्थों में मिलावट करने के दोषियों के नाक में नकेल डाल पा रही है। 

इसी तरह स्थानांतरित कर्मचारियों को कार्य मु€त करने के मामले में भी रणनीति स्पष्ट नहीं है। जिले के बाहर  स्थानांतरित किये गये जो अधिकारी कर्मचारी जाने के इच्छुक भी हैं। उन्हें अब तक कार्य मु€त नहीं किया गया। सबसे अधिक अफरा तफरी का माहौल शिक्षा विभाग में है जहां बड़ी संख्या में शिक्षकों को सागर नगर में लाया गया है।


यहां की शालाओं में स्वीकृत पदों से अधिक संख्या में शिक्षक हो गये हैं। जिन शालाओं में पद खाली नहीं हैं। वहां भी शिक्षकों की पदस्थापना कर उन्हें पदग्रहण कराने का दबाव अधिकारियों द्वारा है। ग्रामीण क्षेत्रों में कई स्थानों पर शिक्षकों  की कमी हो गई है। 

राजनैतिक हस्तक्षेप के चलते शिक्षकों और कर्मचारियों को जबरन स्थानांतरित किया गया है ऐसे में जिले के तीनों मंत्रियों केे बंगलों पर तबादले निरस्त कराने के लिए शिक्षकों और अन्य कर्मचारियों की भीड़  लग रही है। तबादला सूची में ऐसे कई कर्मचारी शामिल हैं। जिन्हें राजनैतिक  दुर्भावना के कारण हटाया गया है ऐसे शिक्षक अब सीधे न्यायालय की शरण  में जा रहे हैं। बड़ी संख्या में महिला कर्मचारियों के तबादले भी किये गये हैं।


तबादले निरस्त कराने के लिए सबसे ज्यादा परेशान खुरई और सुरखी क्षेत्र के  शिक्षक हैं। इसके अलावा सागर जिले से डिप्टी कले€टर स्तर के दो  अधिकारियों के तबादले जिले से बाहर हुए हैं। किन्तु अभी उन्हें कार्य मुक्त नहीं किया गया है। उनके स्थान पर नई पदस्थापना भी नहीं हुई है। ऐसे में  कार्य मु€त करने में भी परेशानी आ रही है। जिले की खाद्य शाखा से भी एक  निरीक्षक का तबादला जिले से बाहर हुआ है। किन्तु उसे भी अब तक कार्य मु€त नहीं किया गया।

स्वास्थ्य विभाग में हुए तबादलों के बाद  सीएचओ स्तर पर भी कार्य मु€त करने के मामले में वरिष्ठ अधिकारी ध्यान  नहीं दे रहे। शिक्षा विभाग में भी अभी तबादले निरस्त कराने की प्रक्रिया के चलते स्थानांतरित शिक्षक अधर में लटके हैं।
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Sagar Watch

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