Health-Bytes-सहज-प्रसव-में-तन-के-साथ-मन-की -तंदरुस्ती-भी-अहम-होती-है -डॉ-गढ़पाले
सागर वॉच। भौतिक चिकित्सक (फिजियोथेरेपिस्ट) डॉक्टर अंशुल गढ़पाले का मानना है कि स्वस्थ शरीर के साथ स्वस्थ मन की भी बेहद अहम भूमिका होती है। जिसका सीधा संबंध शिशु के विकास से होता है। गर्भावस्था के दौरान यह आवश्यक है कि महिला किसी भी प्रकार के तनाव में न रहे। गर्भवती महिलाओं को सहज प्रसूति के लिए सहज प्रसूति केंद्र में उनके लिए आवश्यक परामर्श दिया जाता है।
शहर के सहज प्रसूति सहायता फिजियोथेरेपी सेंटर (भौतिक चिकित्सा केंद्र) में पदस्थ भौतिक चिकित्सा (फिजियोथेरेपी) विशेषज्ञ डॉक्टर अंशुल गढ़पाले अपनी सेवाएँ दे रही हैं और अनेक गर्भवती महिलाओं को उनके सबसे महत्वपूर्ण समय में, साथी बनकर उनकी हर समस्या का निवारण भी कर रही हैं।
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डॉक्टर अंशुल ने बताया कि आम तौर पर यह देखा जाता है कि गर्भावस्था के दौरान किसी भी प्रकार की तक़लीफ होने पर महिलाएँ घबरा जातीं हैं और अनावश्यक रूप से दवाओं का सेवन भी करती है। उन्होंने कहा कि, हमारा प्रयास होना चाहिए कि जितना हो सके भोजन और अन्य प्राकृतिक माध्यमों से आवश्यक पोषण का की पूर्ति करें। साथ ही आवश्यक होने पर चिकित्सकीय परामर्श के बाद ही दवाओं का सेवन करें।
गर्भावस्था को प्रत्येक महिला के जीवन का सबसे सुखद समय बताते हुए उन्होंने कहा कि इस समय महिला के गर्भ में एक नया जीवन पल रहा होता है। ऐसे समय में महिला को ख़ुश रहने, के साथ -साथ ही सही खानपान और आवश्यक शारीरिक व्यायाम करना भी बेहद ज़रूरी होता है। इन सभी आवश्यक गतिविधियों के बारे में जब विशेषज्ञ से मार्गदर्शन मिल जाए तो गर्भवती महिला किसी भी प्रकार से के भय से मुक्त एक स्वस्थ गर्भकाल का अनुभव कर सकती है।
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