MEDIA-WATCH-विदेश-जाने-वालों-को-कोविशील्ड-का-दूसरा-डोज-जल्दी-लगेगा

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SAGAR WATCH@ 08 JUNE 2021

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दौरों और बैठकों को नेतृत्व बदलाव की कवायद दिखाना मीडिया के दिमाग की उपज 

उप्र में संघ और भाजपा के वरिष्ठ पदाधिकारियों के सघन दौरों को लेकर शुरू हुए नेतृत्व परिवर्तन के अटकलों के दौर पर अब विराम लगता नजर आ रहा है  हाल  ही में उप्र के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने टाईम्स ऑफ इंडिया @ अखबार को दिए साक्षात्कार में दावा किया कि यूपी में 2022 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी दो-तिहाई बहुमत से जीतेगी। उन्होंने इंटरव्यू में कहा कि  दौरौं और बैठकों को मीडिया प्रफेशनल्स ने सुर्खियां बटोरने और लोगों का ध्यान खींचने के लिए इसे सनसनीखेज बनाया और बढ़ा.चढ़ाकर पेश किया। 

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बीजेपी एक कैडर आधारित पार्टी है जो भाई-भतीजावाद पर नहीं चलती है। पार्टी अपने कैडर को सक्रिय रखती है। इसके लिए वरिष्ठ नेता हर दो महीने में मिलते हैं और राज्य इकाइयों के साथ बैठक करते हैं। हमारे प्रदेश प्रभारी (बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राधा मोहन सिंह) महीने में दो बार यूपी आते हैं। पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने चार महीने पहले खुद लखनऊ का दौरा किया था।श्

विदेश जाने वालों को दूसरा कोविशील्ड का दूसरा डोज जल्दी लगेगा 

विदेश जाने वालों के लिए सरकार ने वैक्सीनेशन शेड्यूल में बदलाव किया है। कोविशील्ड  की दूसरी डोज इन लोगों को 28 दिन के बाद लगाई जा सकेगी. पढ़ाई के लिए बाहर जाने वाले छात्र, विदेश में नौकरी-पेशा, ओलंपिक के लिए जाने वाले लोग- ऐसे लोगों को विदेश जाने के लिए वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट दिखाना होता है।

 जी न्यूज @ ने अपनी खबर में लिखा है कि ऐसे लोगों का वैक्सीनेशन 28 दिनों के बाद हो सकेगा जो लोग इन वर्ग में आते हैं और उन्हें विदेश जाना है तो वैक्सीनेशन के लिए उन्हें कुछ दस्तावेज दिखाने होंगे जैसे ओलंपिक में जाने का लेटर, नौकरी से जुड़े दस्तावेज, पढ़ाई के लिए जा रहे छात्रों को भी जरूरी कागज दिखाने होंगे ये कागज दिखाने के बाद आसानी से दूसरी डोज भी मिल सकेगी

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मानसून ने रफ़्तार पकड़ी, महाराष्ट्र पहुंचा 

दक्षिण-पश्चिम मानसूनी बादल तेजी से आगे की ओर बढ़ रहा है। केरल से महाराष्ट्र में प्रवेश कर चुके मानसून ने अब रफ्तार पकड़ ली है। पूर्वोत्तर राज्यों में भी अब मानसूनी बादल फैल चुके हैं नईदुनिया @ अखबार ने मौसम पर केन्द्रित अपनी खबर में लिखा है कि ऐसी संभावना है कि आने वाले तीन या चार दिन में सभी पूर्वी राज्यों और बंगाल की खाड़ी से लगे राज्यों में मानसूनी बादल सक्रिय हो जाएंगे। ऐसे में देश के उत्तरी क्षेत्र में मानसूनी वर्षा समय पर होने की उम्मीद है। अच्छी बारिश की उम्मीद के चलते इस बार कृषि मंत्रालय ने भी सभी राज्यों को चालू सीजन की फसलों के लिए वैज्ञानिक सलाह भेजी है

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चीन पर कोरोना वायरस को लैब में बनाने के लगातार लगते आरोपों के दौर के बीच अमेरिकी सरकार की नेशनल लैब द्वारा कोविड -19 की उत्पत्ति पर जारी एक रिपोर्ट ने निष्कर्ष निकाला है कि कोरोना वायरस वुहान की लैब से ही लीक हुआ है और इसकी जांच होनी चाहिए। लाईव हिन्दुस्तान @ ने अमेरिकी अखबार द वॉल स्ट्रीट जर्नल के हवाले से खबर लगाई है कि रिपोर्ट में कहा गया है कि ये स्टडी मई 2020 में कैलिफोर्निया में लॉरेंस लिवरमोर नेशनल लेबोरेटरी द्वारा तैयार की गई थी और ट्रम्प प्रशासन के आखिरी महीनों के दौरान महामारी की उत्पत्ति की जांच के दौरान विदेश विभाग द्वारा रेफर की गई थी।

कोविड के उपचार से कई प्रमुख दवाएं  हुईं बाहर 

कोरोना का लंबे इलाज और करोड़ों की दवाओं की खपत के बाद खुलासा, संतुलित आहार-सकारात्मकता है इलाज। अमल उजाला @ अपनी खबर रोष जताया है कि कोविड उपचार प्रोटोकॉल में ज्यादातर दवाएं साक्ष्य आधारित नहीं, विशेषज्ञों का कहना है कि साल भर में करोड़ों रुपये की कालाबाजारी, दवा कंपनियों को मुनाफा और भारत सरकार की समितियों में बैठे प्रतिनिधियों के बेतुके फैसले लेने के बाद अंत में संतुलित आहार और सकारात्मकता पर ही आकर देश खड़ा हो गया। 

नीति आयोग के सदस्य डॉ. वीके पॉल, आईसीएमआर के महानिदेशक डॉ. बलराम भार्गव, एम्स के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया, आईसीएमआर के पूर्व संक्रामक रोग प्रमुख डॉ. रमन आर गंगाखेड़कर, वर्तमान प्रमुख डॉ. समीरन पांडा, स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव कुमार अग्रवाल सहित इन सभी के अनुसार देश में 80 फीसदी मरीज बिना या हल्के लक्षण वाले हैं। इसका मतलब साफ है कि 80 प्रतिशत मरीजों को दवा नहीं लेनी है।

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खुशखबरी..!ईजाद हुई अल्‍जाइमर रोग की दवा 

दुनियाभर के अल्‍जाइमर के करोड़ों मरीजों के लिए खुशखबरी है। अमेरिका के खाद्य और औषधि प्रशासन ने अल्‍जाइमर के मरीजों के इलाज के लिए एक नई दवा को मंजूरी दे दी है। नवभारत टाईम्स @ की खबर बताती है की अल्‍जाइमर की इस दवा का नाम Aduhelm (aducanumab)  है। पिछले 20 साल में ऐसा पहली बार हुआ है जब अल्‍जाइमर के इलाज की किसी दवा को मंजूरी दी गई है। यह ऐसी पहली दवा है जो बीमारी के प्रगति को रोक देती है।


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