BMC-Funds-Enough-For-Celeberation-But-not-for-instruments- वर्षों-से-रिस-रहीं-पाइप-लाइन-पर-नगर-निगम-को-पता-नहीं

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कोविड-19 के मरीजों की ऊंची मृत्यु दर के बाद अब कु-प्रबंधन को लेकर बुंदेलखंड चिकित्सा महाविद्यालय अखबारों की सुर्खियों में बना हुआ है। अधूरी पड़ी विकास योजनाओं के बारे में नगर निगम भी सुर्खियों से बाहर नहीं रह पा रहा है।

सुचारू विद्युत प्रवाह बनाने के लिए जरूरी उपकरणों को  खरीदने में बजट का टोटा बताने वाले बुंदेलखंड चिकित्सा महाविद्यालय ने वार्षिक उत्सव में स्वीकृति राशि से दो गुने से ज्यादा राशि खर्च किए जाने  का खुलासा करते हुए दैनिक भास्कर ने अपनी खबर को प्रमुखता से छापा है। खबर में प्रदेश के नगरीय प्रशासन मंत्री ने बीएमसी की व्यवस्था सुधारने की जरूरत बतायी।

दैनिक आचरण ने कमिश्नर के बयान “नवजात शिशुओं की सुरक्षा के लिए हर संभव इंतजाम किए जाएं” शीर्षक से इस खबर को पहली सुर्खी बनाया है । इसी मुद्दे को दैनिक जागरण ने भी “ बुंदेलखंड मेडिकल काॅलेज में अब पूरा फोकस विद्युत व्यवस्था पर” शीर्षक से लगायी खबर से उठाया है।

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नवभारत ने अपनी पहली खबर में शहर में पानी आपूर्ति के लिए  पाईपलाईन बिछाने के काम में लगी कंपनी पर  निशाना साधा है। खबर कहती है कि कंपनी बिना योजना के काम कर रही है। सड़कें खोदे जाने के बाद उनकी मरम्मत नहीं होना जनता के लिए सरदर्द साबित हो रहा है।  खबर में नगर निगम के एक वार्ड में स्मार्ट सिटी द्वारा लगाए साइन बोर्ड में ग्राम पंचायत क्षेत्र मे स्थित विश्वविद्यालय के नाम पर लगाए जाने को कंपनी की स्मार्टनेस बताते हुए तंज कसा है।

दैनिक आचरण ने अपने देश-प्रदेश पृष्ठ पर फर्जीवाड़ा शीर्षक से लगाई खबर में लिखा है कि लाखों रूपए के ईनाम का लालच देकर बैंकों का विवरण जुटाने के लिए अब स्पीड पोस्ट को जरिया बनाया जा रहा है। खबर के मुताबिक शहर में हजारों लोगों तक उड़ीसा के राउरकेला  से डाक के जरिए स्क्रेच कूपन भेजा जा चुका है। बड़ी संख्या में लोग इस फर्जीवाड़ा का शिकार भी हो चुके हैं। अब साइबर शाखा सक्रिय हो रही है।

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सागर दिनकर ने मकरोनिया उपनगर में स्थानीय विधायक द्वारा हाट बाजार में रात्रिकालीन सफाई व्यवस्था को शुरू कराए जाने व ईवनिंग मिरर ने कलेक्टर द्वारा जनवरी माह से ग्रामीण क्षेत्रों का सर्वेक्षण ड्रोन विमान से कराए जाने की खबर को प्रमुखता से छापा है।

नवदुनिया ने अपनी पहली खबर में लिखा है कोविड-19 महामारी के काल में सरकार के  हमारा घर, हमारा स्कूल अभियान के तहत शिक्षक तंग गलियों में नालियों के फर्श पर बैठक कर बच्चों को पढ़ाने को मजबूर है। खबर में लिखा है कि अभिभावकों का मानना है कि इससे अच्छा होता अगर कम संख्या में बारी-बारी से बच्चों को स्कूल बुलाकर पढ़ाया जाता।

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OFF-TRACK NEWS : लीक से हटकर खबर

“ये लीकेज अमर हैं...“ शीर्षक से शहर पृष्ठ पर लगायी पहली खबर में दैनिक भास्कर ने जलापूर्ति लाईनों में हो रहे रिसाव को लेकर नगर निगम की पूरी व्यवस्था को सवालों के घेरे में लिया। खबर में पूछा गया है कि पाईप लाईन के जिस रिसाव से दस सालों से खेतों में सिंचाई हो रही है उसका न सुधारा जाना क्या महज लापरवाही है? पाईप लाईनों के रिसाव को लेकर किए गए सवालों पर निगम आयुक्त भी घिसे-पिटे जवाब देकर कन्नी काटते नजर आए।

FOLLOW-UP: फाॅलोअप

गड़बड़ी शीर्षक से दैनिक भास्कर ने एक बार फिर सागर विश्वविद्यालय की ऑनलाइन  काउंसिलिंग पर सवाल खड़े किए हैं। खबर में लिखा है कि एक प्रथम स्थान पर आया छात्र महज इसलिए प्रवेश से वंचित रह गया क्योंकि विवि द्वारा बनाए गए कामन पासवर्ड का दुरूपयोग कर किसी ने उसके दस्तावेज बदल दिए। खबर में काउंसलिंग में शामिल विद्यार्थियों के गुपचुप नंबर बदले जाने की शिकायतों का भी जिक्र है।

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3 comments so far,Add yours

  1. सागर वॉच की प्रस्तुति न सिर्फ़ रोचक है बल्कि खबरों की दुनिया का महत्वपूर्ण निचोड़ भी।
    पत्रकारिता की सूक्ष्म पड़ताल भी यहाँ सम्भव हो पाती है।
    नैरन्तर्य के लिए शुभकामनाएं
    उपलब्धता के लिए कृतज्ञ हूँ।

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