Unsung-Heroes-स्वच्छता-का-हो-ऐसा-जूनून-तो-कैसे-नहीं-बनेगा-देश-कचरा-विहीन

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सागर वॉच ।(विशेष रपट ) मधुर तिवारी I दिल में कुछ करने का जुनून हो तो फिर पद, कद, उम्र, तजुर्बा, 
छोटा-बड़ा कुछ भी मायने नहीं रखता। यह साबित कर रहा है एक 17 वर्षीय किशोर और उसका संकल्प। दरअसल हम बात कर रहे हैं शहर से लगे भैंसा निवासी आफताब बहना की। हाल ही में सदर स्थित एक सरकारी स्कूल से 11वीं की परीक्षा पास कर 12वीं में पहुंचे आफ़ताब ने देश को स्वच्छ बनाने का संकल्प ले लिया है। उसे जहां भी गंदगी (डिस्पोजल, पन्नी, प्लास्टिक का कचरा आदि) नजर आती है वह अपना काम छोड़ उसे साफ करने में जुट जाता है।

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ऐसा ही नजारा सोमवार दोपहर पुराने कलेक्टर कार्यालय में नजर आया। जहां बिना किसी से कुछ कहे यह किशोर कचरा चुन -चुन  कर कचरे के डब्बे में   में डाल रहा था । आसपास खड़े लोगों ने जब उसे बुलाकर कुछ रुपए देने चाहे तो उसने मदद लेने से इनकार कर दिया और सभी को साफ-सफाई रखने और गंदगी न फैलाने की अपील की। गंदे से कपड़े पहने, कचरा बीन रहे युवक की बात सुन सभी स्तब्ध रह गए और उसके काम की सराहना की।

- अफसर बनने की है चाह ..

आफताब का कहना था कि वह पढ़ाई कर एक अफसर बनना चाहता है। उसने बताया कि उसके मरहूम पिता की दिली तमन्ना थी कि उनके बच्चे पढ़-लिखकर अफसर बने । आफताब ने बताया कि यही कारण है कि वह और उसके भाई मेहनत-मजदूरी करने के बाद भी मन लगाकर पढ़ाई में जुट जाते हैं। आफ़ताब की इसी मेहनत का परिणाम है कि उसने दसवीं की परीक्षा 77 प्रतिशत अंको के साथ उत्तीर्ण की थी, अब 12वीं में उससे भी ज्यादा अंक लाकर अव्वल आना चाहता है। 

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- प्रशासन दे ध्यान

आफताब ने बताया कि पिता की मौत के बाद वह और उसके भाई मेहनत-मजदूरी कर परिवार चलाते हैं। परिवार का राशन कार्ड भी नहीं और उसे बनवाने के लिए वह महीनों से सरकारी दफ्तरों के चक्कर काट रहा है। सोमवार को भी वह अपना राशन कार्ड बनवाने के लिए एसडीएम कार्यालय आया था और वहां आसपास कचरा देख उसे साफ करने में जुट गया।

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